Bihar Jamin Registry : बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की नई नियमावली जारी कर दी है. नए नियमों के मुताबिक बिहार में 22 फरवरी 2024 से जमीन की रजिस्ट्री शुरू हो गई है, लेकिन, बिहार सरकार की ओर से जमीन रजिस्ट्री में सहायता मिलने के बजाय समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।
लेकिन आपको बता दें कि रास्ता साफ हो गया है कि जब से बिहार राज्य सरकार ने रजिस्ट्री को लेकर नए नियम लागू किए हैं तब से धार्मिक लोगों को नए नियमों को समझने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अब भूमि कटान एक समस्या बन गई है। अब कोई भी रैयत, हसातकारी, वैनामा, वखिसनामा-रेवेर्नु और पट्टा से प्राप्त भूमि और देह-बासीगत भूमि को बिना जमाबंदी के नहीं बेच सकता है।
बिहार जामिन का रजिस्टर
हम आपको बताना चाहेंगे कि सभी प्रकार की जमीन की जमाबंदी रैफर के नाम से की जाती है और रजिस्टर-2 में दर्ज की जाती है। हालाँकि, निकाय भूमि जमा नहीं खोलता है। लेकिन डीह बासीगत की जमीन खतियान भाषा में रैयत के नाम से दर्ज है. रैयत इन जमीनों को सेल डीड, कन्वेंस डीड, कन्वेन्स, रिवर्सन आदि तरीकों से भी बेचते हैं। हालाँकि, इसका संघनन टिकता नहीं है। ऐसी स्थिति में, पट्टेदार को चिंता है कि जब बेसिगाट भूमि बंदोबस्त खुला नहीं है तो वह हस्तक्षेप क्यों नहीं कर सकता।
डीह बसीगत जमीन के रजिस्ट्री पर लगाया गया रोक
नये नियमों के तहत सीवान निबंधन न्यायालय में निबंधन की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है, हम आपको बताएंगे कि सिर्फ वही लोग जमीन बेच सकते हैं जिनके नाम पर अभी भी जमीन की जमाबंदी है। लेकिन यहां जमीन के प्लॉट की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी।मान लीजिए कि एक भूमि विक्रेता को चिंता है कि वह अपनी भूमि को बचा क्यों नहीं सकता जबकि वह उसके पास नहीं है।
जब प्रशासन ने देह बसीगेट भूमि पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया, तो भूमि खरीदार और विक्रेता दोनों निराश होकर लौटने को मजबूर हो गए। इस संबंध में कार्तिक अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि अब डीह बेसिगाट जमीन की जमाबंदी भी खुलेगी।
डीह बासीघाट की जमीन करमुक्त रहेगी
आप सभी लोगो को बता देना चाहते है की सीवान रजिस्ट्री कोर्ट के हत्यारोपी अनिल श्रीवास्तव जी की ओर से कहा गया कि सभी गांवों (डीह) में निवासियों के पास आवासीय जमीन है, इस पर गांव की आबादी रहती है, यह कर-मुक्त भूमि है और यहां कोई जमा नहीं खोला जाता है।